
किसानों को नवीन कृषि तकनीक को अपनाने की जरूरत – मंत्री भागीरथ चौधरी
उदयपुर . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का
आह्वान किया है कृषि और कृषि संबंधित गतिविधियां राष्ट्र के सकल घरेलू
उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 18 प्रतिशत का योगदान हैं और इसलिए कृषि को
विकसित किये बिना विकसित राष्ट्र का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता इस
उद्देश्य से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित
कृषि के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 29 मई 2025 से 12 जून 2025 तक 15
दिनों के पूर्व-खरीफ विकसित कृषि संकल्प अभियान की परिकल्पना की है। यह
बात मावली के पलाना कला ग्राम में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण
मंत्रालय द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष में चलाए जा रहे विकसित कृषि संकल्प
अभियान के अंतर्गत आयोजित कृषक गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि
और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कहीं । उन्होंने कहा कि
देश में हर दिन 2000 से अधिक कृषि वैज्ञानिकों की टीमें लगभग 6000 गांवों
का दौरा कर किसान समुदाय को लाभान्वित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उदयपुर
एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां 49 प्रतिशत से अधिक किसान आदिवासी हैं।
जिले में 70 प्रतिशत से अधिक किसानों के पास 1 हेक्टेयर से कम भूमि है।
बरसात के मौसम में अधिकांश पानी बहकर चला जाता है अतः इस क्षेत्र के लोगों
को जल संरक्षण के उन्नत तकनीक को अपनाने होगा।
कुलगुरु, महाराणा
प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के डॉ अजीत कुमार
कर्नाटक ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित खरीफ फसलो की नवीन किस्मों के बारे
में बताते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल में हमारा भारतवर्ष खाद्यान्न सहित
कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर जरूर है लेकिन बढ़ती आबादी के मद्देनजर हर
क्षेत्र में उपलब्धियां अनवरत जारी रहनी चाहिए और धरतीपुत्र किसान को
नवीनतम तकनीक के साथ प्रोत्साहन भी जरूरी है और कहा कि इस अभियान में
विश्वविद्यालय बढ़-चढ़ कर भागीदारी निभा रहा है। डॉ कर्नाटक ने कहा कि देश
में सीमित प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद खाद्यान्न, दूध, फल व सब्जियां
पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। वर्ष 1990-91 के दशक में देश का कुल गेहूं
उत्पादन 55.14 मिलियन टन के मुकाबले वर्ष 2022-23 में 112.74 मिलियन टन
पहुंच गया है जो एक रिकार्ड है लेकिन हमारे देश के कृषि वैज्ञानिक कुछ नया
करने को बेताब है। किसानों के लिए यह प्री खरीफ अभियान मील का पत्थर साबित
होगा। पूरे देश में इस तरह के महाअभियान का व्यापक असर आने वाले समय में
दृष्टिगोचर होगा। इस सुअवसर पर राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कृषि
विश्वविद्यालय द्वारा तैयार ‘खरीफ फसल उत्पादन तकनीकी मार्गदर्शिका’ का
विमोचन भी किया व विश्वविद्यालय द्वारा लगायी गयी उन्नत कृषि तकनीकी
प्रदर्शनी का अवलोकन कर भूरी-भूरी प्रशंसा कर कुलगुरु को बधाइयां दी।
कार्यक्रम
में सांसद सीपी जोशी, भूतपूर्व विधायक बद्रीलाल जाट, डॉ जय प्रकाश मिश्र
डायरेक्ट अटारी जोधपुर, अतिरिक्त निदेशक कृषि जयपुर डॉ ईश्वर यादव, इफको से
डॉ सुधीर मान तथा प्रकृति सेल से किशन चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय से डॉ. आर. एल. सोनी, निदेशक प्रसार, डॉ.
अरविन्द वर्मा निदेशक अनुसंधान, संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. सुधीर वर्मा, डॉ.
लतिका व्यास, डॉ. रविकान्त शर्मा, डॉ. अमित दाधिच, डॉ. हेमलता शर्मा, डॉ.
डीपीएस डुडी, डॉ प्रफुल चंद भटनागर व बहुत बडी संख्या में किसान आदि मौजूद
थे।
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